राशिफल
मंदिर
आरती : चन्द्र देव जी की
आरती लिरिक्स
दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी।।रजत सिंहासन राजत, ज्योति तेरी न्यारी।।
दीन दयाल दयानिधि, भव बन्धन हारी।।
जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे।।
सकल मनोरथ दायक, निर्गुण सुखराशि।।
योगीजन हृदय में, तेरा ध्यान धरें।।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, सन्त करें सेवा।।
वेद पुराण बखानत, भय पातक हारी।।
प्रेमभाव से पूजें, सब जग के नारी।।
शरणागत प्रतिपालक, भक्तन हितकारी।।
धन सम्पत्ति और वैभव, सहजे सो पावे।।
विश्व चराचर पालक, ईश्वर अविनाशी।।
सब जग के नर नारी, पूजा पाठ करें।।
ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा।।
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