**************** ADD ************************
The official logo for the brand - Prem Bhakti
Menu Icon
The official logo for the brand - Prem Bhakti
राशिफल dropdown arrow icon
आज का राशिफलकल का राशिफलबीते कल का राशिफलसाप्ताहिक राशिफलमासिक राशिफल
मंदिर dropdown arrow icon
सभी मंदिरप्रसिद्ध मंदिरदेवता के मंदिरस्थान अनुसार मंदिर
आरतीभजनचालीसामंत्रआज का पंचांगज्योतिषी से बात

शिव चालीसा

चालीसा लिरिक्स

** दोहा **
जय गणेश गिरिजा सुवन,
मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्यादास तुम,
देहु अभय वरदान ।।
।। चौपाई ।।
जय गिरिजा पति दीन दयाला।
सदा करत सन्तन प्रतिपाला ।।

भाल चन्द्रमा सोहत नीके।
कानन कुण्डल नागफनी के ।।

अंग गौर शिर गंग बहाये।
मुण्डमाल तन क्षार लगाए ।।

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे।
छवि को देखि नाग मन मोहे ।। 4

मैना मातु की हवे दुलारी।
बाम अंग सोहत छवि न्यारी ।।

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी।
करत सदा शत्रुन क्षयकारी ।।

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे।
सागर मध्य कमल हैं जैसे ।।

कार्तिक श्याम और गणराऊ।
या छवि को कहि जात न काऊ ।। 8

देवन जबहीं जाय पुकारा।
तब ही दुख प्रभु आप निवारा ।।

किया उपद्रव तारक भारी।
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ।।

तुरत षडानन आप पठायउ।
लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ।।

आप जलंधर असुर संहारा।
सुयश तुम्हार विदित संसारा ।। 12

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई।
सबहिं कृपा कर लीन बचाई ।।

किया तपहिं भागीरथ भारी।
पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ।।

दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं।
सेवक स्तुति करत सदाहीं ।।

वेद नाम महिमा तव गाई।
अकथ अनादि भेद नहिं पाई ।। 16

प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला।
जरत सुरासुर भए विहाला ।।

कीन्ही दया तहं करी सहाई।
नीलकण्ठ तब नाम कहाई ।।

पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा।
जीत के लंक विभीषण दीन्हा ।।

सहस कमल में हो रहे धारी।
कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ।। 20

एक कमल प्रभु राखेउ जोई।
कमल नयन पूजन चहं सोई ।।

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर।
भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ।।

जय जय जय अनन्त अविनाशी।
करत कृपा सब के घटवासी ।।

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै।
भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै ।। 24

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो।
येहि अवसर मोहि आन उबारो ।।

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो।
संकट से मोहि आन उबारो ।।

मात-पिता भ्राता सब होई।
संकट में पूछत नहिं कोई ।।

स्वामी एक है आस तुम्हारी।
आय हरहु मम संकट भारी ।। 28

धन निर्धन को देत सदा हीं।
जो कोई जांचे सो फल पाहीं ।।

अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी।
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ।।

शंकर हो संकट के नाशन।
मंगल कारण विघ्न विनाशन ।।

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं।
शारद नारद शीश नवावैं ।। 32

नमो नमो जय नमः शिवाय।
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ।।

जो यह पाठ करे मन लाई।
ता पर होत है शम्भु सहाई ।।

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी।
पाठ करे सो पावन हारी ।।

पुत्र हीन कर इच्छा जोई।
निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ।। 36

पण्डित त्रयोदशी को लावे।
ध्यान पूर्वक होम करावे ।।

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा।
ताके तन नहीं रहै कलेशा ।।

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे।
शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ।।

जन्म जन्म के पाप नसावे।
अन्त धाम शिवपुर में पावे ।। 40

कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी।
जानि सकल दुःख हरहु हमारी ।।

** दोहा **
नित्त नेम कर प्रातः ही,
पाठ करौं चालीसा।
तुम मेरी मनोकामना,
पूर्ण करो जगदीश ।।

मगसर छठि हेमन्त ॠतु,
संवत चौसठ जान।
अस्तुति चालीसा शिवहि,
पूर्ण कीन कल्याण ।।

अन्य प्रसिद्ध चालीसा

श्री हनुमान चालीसा

श्री हनुमान चालीसा ।। ** दोहा **श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि।बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ।। बुद...

श्री राधा चालीसा : जय वृषभान कुंवारी श्री श्यामा

** दोहा **श्री राधे वुषभानुजा, भक्तनि प्राणाधार।वृन्दाविपिन विहारिणी,प्रानावौ बारम्बार ।। जैसो तैसो रावरौ,कृष्ण प्रिया स...

श्री लक्ष्मी माता चालीसा

** दोहा **मातु लक्ष्मी करि कृपा,करो हृदय में वास।मनोकामना सिद्घ करि,परुवहु मेरी आस ।। ।। सोरठा ।। यही मोर अरदास,हाथ जोड़...

श्री झूलेलाल जी चालीसा

** दोहा **जय जय जल देवता,जय ज्योति स्वरूप।अमर उडेरो लाल जय,झुलेलाल अनूप ।। ।। चौपाई ।। रतनलाल रतनाणी नंदन।जयति देवकी स...

श्री कृष्ण चालीसा

** दोहा **बंशी शोभित कर मधुर,नील जलद तन श्याम।अरुण अधर जनु बिम्बफल,नयन कमल अभिराम ।। पूर्ण इन्द्र, अरविन्द मुख,पीताम्बर ...

श्री गायत्री माता चालीसा

** दोहा **हीं श्रीं, क्लीं, मेधा, प्रभा, जीवन ज्योति प्रचण्ड। शांति, क्रांति, जागृति, प्रगति, रचना शक्ति अखण्ड ।। जगत जन...

सभी चालीसा खोजें