राशिफल
मंदिर
आरती : माँ कालरात्रि की
आरती लिरिक्स
काल के मुह से बचाने वाली ॥
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा।।
महाचंडी तेरा अवतार ॥
पृथ्वी और आकाश पे सारा।।
महाकाली है तेरा पसारा ॥
खडग खप्पर रखने वाली।।
दुष्टों का लहू चखने वाली ॥
कलकत्ता स्थान तुम्हारा।।
सब जगह देखूं तेरा नजारा ॥
सभी देवता सब नर-नारी।।
गावें स्तुति सभी तुम्हारी ॥
रक्तदंता और अन्नपूर्णा।।
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना ॥
ना कोई चिंता रहे बीमारी।।
ना कोई गम ना संकट भारी ॥
उस पर कभी कष्ट ना आवें।।
महाकाली माँ जिसे बचाबे ॥
तू भी भक्त प्रेम से कह।।
कालरात्रि माँ तेरी जय ॥
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