राशिफल
मंदिर
आरती : नृसिंह आरती
आरती लिरिक्स
प्रह्लादाह्लाद-दायिनेहिरण्यकशिपोर्वक्षः-
शिला-टङ्क-नखालये
इतो नृसिंहः परतो नृसिंहो
यतो यतो यामि ततो नृसिंहः
बहिर्नृसिंहो हृदये नृसिंहो
नृसिंहमादिं शरणं प्रपद्ये
तव करकमलवरे नखमद्भुत-शृङ्गं
दलितहिरण्यकशिपुतनुभृङ्गम्
केशव धृतनरहरिरूप जय जगदीश हरे।।
* नृसिंह आरती की अंतिम तीन पंक्तियाँ से उद्धृत की गईं हैं।।
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