सगराम दासजी महाराज की कुंडलीया,
DOHA : ? भक्त बीज पलटे नही,
और जो जुग जाये अनंत,
ऊंच नीच घर अवतरे,
वो रहे संत रो संत।।
तुलसी नर का क्या बड़ा,
ओर समय बड़ा बलवान,
काबे लूटी गोपीया,
तो वे अर्जुन वे ही बाण।।
संत बडे परमार्थी,
ओर शीतल ज्यारा अंग,
तपत बुजावे ओरो की,
वे देदे अपना रंग।। ।।
कहे संत सगराम माने यु अचरज आवे,
अरे कहे संत सगराम माने यु अचरज आवे,
ए मिनक कियो महाराज भले तू काई चावे,
ए मिनक कियो महाराज भले तू काई चावे,
काई चावे है भले यु तो माने बताय,
राम नाम कहे रात दिन,
राम नाम कहे रात दिन,
थारो जनम सफल हो जाय वास अमरापुर पावे,
कहें संत सगराम माने यु अचरज आवे हा।। ।।
जनम जनम मे कर्म कियो है माथे करडो,
अरे जनम जनम मे कर्म कियो है माथे करडो,
अरे मिनक कियो महाराज काट थे नी क्यु खरडो,
अरे मिनक कियो महाराज काट नी क्यु खरडो,
ओ खरडो करडो घणो रे किकर बने बताव,
अरे विश्वासर सगराम कहे,
अरे विश्वासर सगराम कहे,
राम धणी ने ध्याव पता दे खावन खरडो,
अरे जनम जनम मे कर्म कियो है माथे करडो।। ।।
मिनका तन दियो थाने भोंदू भजले पीव,
बैठु क्यु सगराम कहे वो उंडी देवे नीव,
उंडी देवे नीव कियो किन्दडा गेला,
करे आगे ने ठोड अटे कुन रेवन देला,
लख चौरासी जून मे रे फिरतो रूलती जीव,
मिनका तन दियो थने यु भोंदू भजले जीव।। ।।
अरे कहे दास सगराम उठ मत कर अरडाटा,
अरे कहे संत सगराम उठ मत कर अरडाटा,
अरे बिना गुणा ही दंड लगा तू करडा लाटा,
अरे बिना गुणा ही दंड लगा तू करडा लाटा,
करडा लाटा लाटतो रे कियो माने तू नाय,
घणा घणा दुख पावसी घणा घणा दुख पावसी,
जनम जनम के माय कर्म के नाते माटा,
जनम जनम के माय कर्म के नाते माटा,
अरे कहे संत सगराम उठ मत कर अरडाटा हा।। ।।
अरे कहे संत सगराम भजन करता हूँ दोरा,
अरे कहे संत सगराम भजन करता हूँ दोरा,
अरे लख चौरासी जून भुगतता हो जो सोरा,
अरे लख चौरासी जून भुगतता हो जो सोरा,
सोरा हो जो भुगतता रे घणी लहुला मार,
गधा होवेला ओडरा गधा होवेला ओडरा,
माथे लदसी भार रेत भर भर भर बोरा,
माथे लदसी भार रेत भर भर भर बोरा,
अरे कहे संत सगराम भजन करता हूँ दोरा हा।। ।।
अरे कहे संत सगराम राम ने भूलो किकर,
अरे कहे संत सगराम राम ने भूलो किकर,
अरे भूल्या भूंडी होय मांजनो जासी बिखर,
अरे भूल्या भूंडी होय मांजनो जासी बिखर,
बिखर जासी मांजनो रे देवे गधे री जून,
अरे मोरो पडसी टाकीया मोरो पडसी टाकीया,
ऊपर चढसी लून चढावे सामी शिखर,
अरे ऊपर चढासी लून चढावे सामी शिखर,
अरे कहे संत सगराम राम ने भूलो किकर हा।। ।।
अरे कहे दास सगराम कर्म घत जाये न जानी,
अरे कहे दास सगराम कर्म घत जाये न जानी,
अरे परनी सोढा सहज गजबे राधा रानी,
अरे परनी सोढा सहज गजबे राधा रानी,
अरे राधा रानी गजबे सीता ने वनवास,
सकल भजन राईष ने सकल भजन राईष ने,
कियो डूमरो दास नीच घर भरीयो पानी,
कियो डूमरो दास नीच घर भरीयो पानी,
अरे कहे संत सगराम कर्म गत जाये न जानी हा।। ।।
अरे कहे संत सगराम सुनो सज्जन इतकारी,
अरे कहे संत सगराम सुनो सज्जन इतकारी,
अरे कर सुखरत भज राम पनोती आयी भारी,
कर सुखरत भज राम पनोती आयी भारी,
अरे भारी आयी पनोती परसतीया इतलाज,
अरे भारी आयी पनोती परसतीया इतलाज,
धन धरीयो रह जावसी धन धरीयो रह जावसी,
तन हो जासी खाक पचे तू जाने थारी,
तन हो जासी खाक पचे तू जाने थारी,
अरे कहे संत सगराम सुनो सज्जन इतकारी हा।। ।।
अरे कहे संत सगराम सुनो सज्जन बडभागी,
अरे कहे संत सगराम सुनो सज्जन बडभागी,
गुरू किजे भजन नेक कनक कामनो रो त्यागी,
गुरू किजे भजन नेक कनक कामनो रो त्यागी,
त्यागी कनक कामनी जी को जनम मरण दे खोय,
अरे फिरे जगत मे जावता फिरे जगत मे जावता,
वा सु भलो न होय लगन माया सु लागी,
वा सु भलो न होय लगन माया सु लागी,
अरे कहे संत सगराम सुनो सज्जन बडभागी हा।। ।।
अरे कहे संत सगराम घणो बाजे है झाडो,
अरे कहे संत सगराम घणो बाजे है झाडो,
अरे आतन ओले करू गुदडा ओडो गाडो,
अरे आतन ओले करू गुदडा ओडो गाडो,
अरे गाडो ओडो गुदडो लाग जायेगी ठाड,
खोटी होसी भजन सु खोटी होसी भजन सु,
इनरो ओ ही है लाड पडेला वारो खाडो,
इनरो ओ ही है लाड पडेला वारो खाडो,
अरे कहे संत सगराम घणो बाजे है झाडो हा।। ।।
अरे कहे दास सगराम धणी सुन रे माया रा,
कहे दास सगराम धणी सुन रे माया रा,
अरे कर सुखरत भज राम भला दिन आया थारा,
अरे कर सुखरत भज राम भला दिन आया थारा,
आया थारा दिन भला रे चूक मती ओ वार,
धन धरीयो रह जावसी धन धरीयो रह जावसी,
तन हो जाय खाक धोय कर बहती धारा,
अरे कहे संत सगराम धणी सुन रे माया रा हा।। ।।
अरे कहे संत सगराम सुनो धन री धनीयानी,
कहे संत सगराम सुनो धन री धनीयानी,
कर सुखरत भज राम धोय कर बहते पानी,
कर सुखरत भज राम धोय कर बहते पानी,
बहते पानी धोयकर कृपा करी महाराज,
अरे कारज करले जीव रो कारज करले जीव रो,
कियो जाय तू आजकाल राय न जानी,
कियो जाय तू आजकल राय न जानी,
अरे कहे संत सगराम सुनो धन री धनीयानी हा।। ।।
अरे कहे संत सगराम सास साई ने भावे,
अरे कहे संत सगराम सास साई ने भावे,
देखो दिन ने रात जाट तेजा ने गावे,
देखो दिन ने रात जाट तेजा ने गावे,
गावे तेजा जाट ने रे दियो देवता थाप,
पूजे सिरजनहार ने पूजे सिरजनहार ने,
तो गुणा करे सब माफ वास अमरापुर पावे,
अरे कहे संत सगराम सास साई ने भावे हा।। ।।
अरे कहे दास सगराम सुनो सज्जन इतकारी,
अरे कहे संत सगराम सुनो सज्जन इतकारी,
अरे अवतारा रा चरित्र सुनीया सु लागे न खारी,
अरे अवतारा रा चरित्र सुनीया सु लागे न खारी,
ए अवतार घणा हुआ रे ए अवतार घणा हुआ रे,
करनो ओतो काज,
सिमरो सिरजनहार ने सिमरो सिरजनहार ने,
अरे पेदा पिया री लाज रखी जिन रचना तारी,
अरे कहे संत सगराम सुनो सज्जन इतकारी हा।। ।।
अरे कहे संत सगराम हाथ मे हिरा आया,
कहे संत सगराम हाथ मे हिरा आया,
अरे समझ्यो नही रे गिवार गाल गोपन मे भाया,
अरे बावत बावत बावीया लारे बचीयो एक,
आयो हिरा रो पारखु आयो हिरा रो पारखु,
जद रोयो माथो टेक जना मे घणा रे गमाया,
अरे कहे संत सगराम हाथ मे हिरा आया हा।। ।।
अरे कहे संत सगराम गरीबी मे गुण भारी,
अरे कहे संत सगराम गरीबी मे गुण भारी,
अरेे राम गरीबी नवात जगत मे जाने सारी,
अरे राम गरीबी नवात जगत मे जाने सारी,
जान सारी जगत परा राखी किनसु जाय,
वैरनीया आडी फिरे वैरनीया आडी फिरे,
अरे मन बढाई खाई करे कुन आने न्यारी,
अरे कहे संत सगराम गरीबी मे गुण भारी हा।। ।।
अरे कहे संत सगराम मिनक देखो मोटा,
कहे संत सगराम मिनक देखो ए मोटा,
अरे उडसी नरक आभोर जमो रा खासी चोटा,
अरे उडसी नरक आभोर जमो रा खासी चोटा,
चोटा खासी जमो रा सायब रे दरबार,
अरे जीव हथे पन धन घुसे जीव हथे पन धन घुसे,
अरे तके पराई नार करे यु कर्म जी खोटा,
अरे कहे संत सगराम मिनक देखो ए मोटा हा।। ।।
अरे कहे संत सगराम गजब मत कर गेला,
अरे कहे संत सगराम गजब मत कर गेला,
अरे खाया पराया माल बलद हो होने देला,
अरे खाया पराया माल बलद हो होने देला,
अरे हो होने दे ला बलद घणी सहेला मार,
टूटे खांदे टाकसी टूटे खांदे टाकसी,
भूखा मरतो भार थे यु के गुमेला,
अरे कहे संत सगराम गजब मत कर गेला हा।। ।।
अरे कहे संत सगराम डोकरा भली रे विचारी,
अरे कहे संत सगराम डोकरा भली विचारी,
अरे पुरबला अंकुर उदय अब होयो भाई,
अरे पुरबला अंकुर उदय अब होयो भाई,
अरे भाई उदय भयो अचलो सिरज,
खावन बूटो बाटलो खावन बूटो बाटलो,
करसी जय जयकार राम की नपे न भारी,
अरे कहे संत सगराम डोकरा भली विचारी हा।। ।।
अरे कहे संत सगराम राम ने भूलो किकर,
अरे कहे संत सगराम राम ने भूलो किकर,
अरे भूल्या भूंडी होय मांजनो जासी बिखर,
अरे भूल्या भूंडी होय मांजनो जासी बिखर,
बिखर जासी मांजनो रे देवे गधे री जून,
अरे मोरो पडसी टाकीया मोरो पडसी टाकीया,
ऊपर चढसी लून चढावे सामी शिखर,
अरे ऊपर चढसी लून चढावे सामी शिखर,
अरे कहे संत सगराम राम ने भूलो किकर हा।। ।।
सगराम दासजी महाराज की कुंडलीया,