एक दिन बोले प्रभु हनुमत से,मै मन की प्यास बुझाउँगा, लंका विजय के बाद, एक दिन श्री राम के मन मे ये आई, वो हनुमान जी से कहने लगे ऐ हनुमान ! तुम मेरी इस सेज पर, लेट जाओ, मै तुम्हारे चरण दबाऊंगा, हनुमान जी आश्चर्य चकित हो गये, बोले ! प्रभु आप ये कैसी बात कर रहे हैं श्री राम एवम् हनुमान जी के संवाद
एक दिन बोले प्रभु हनुमत से,
एक दिन बोले प्रभु हनुमत से,
मै मन की प्यास बुझाउँगा,
तुम लेटे रहो हनुमान यूँही,
तुम लेटे रहो हनुमान यूँही,
मै तेरे चरण दबाउँगा,
एक दिन बोले प्रभु हनुमत से।। ।।
मिट जाएगी सब मर्यादा,
तुम स्वामी हो मै दास प्रभु,
मिट जाएगी सब मर्यादा,
तुम स्वामी हो मै दास प्रभु
ऐसा जो हुआ तो जग ये हँसे,
मै किसको मुह दिखलाउँगा
ऐसा जो हुआ तो जग ये हँसे,
मै किसको मुँह दिखलाउँगा,
ऐसा जो हुआ तो जग ये हँसे,
श्री राम ने कहा, ए हनुमान तुमने जो मेरे लिए किया है, मै उसका सदेव ऋणी हूँ, तुमने जो किया है मेरे लिए,
वो क़र्ज़ उतारू मै कैसे,
तुमने जो किया है मेरे लिए,
वो क़र्ज़ उतारू मै कैसे,
मिल जाए सुख ऐसा करके,
वरना मै चैन ना पाउँगा,
मिल जाए सुख ऐसा करके,
वरना मै चैन ना पाउँगा,
हनुमान जी ने कहा हे मेरे राम, आप मेरी ये कैसी परीक्षा ले रहे हैं, ये पाप नहीं होगा मुझसे, ये ईच्छा हो या परीक्षा हो,
दोनो ही मुझे मंजूर नहीं,
ये ईच्छा हो या परीक्षा हो,
दोनो ही मुझे मंजूर नहीं,
ये पाप नहीं होगा मुझसे,
मै जीते जी मर जाउँगा,
ये पाप नहीं होगा मुझसे,
मै जीते जी मर जाउँगा,
हनुमान जी बोले, मेरे राम, आप इस विचार को त्याग दे, जिनके चरणो का ध्यान किया,
वो मेरे पैर दबाएँगे,
जिनके चरणो का ध्यान किया,
वो मेरे पैर दबाएँगे,
दुनिया की नहीं चिंता मुझको,
दुनिया की नहीं चिंता मुझको,
हो मै खुद को क्या समझाउँगा,
दुनिया की नहीं चिंता मुझको,
दुनिया की नहीं चिंता मुझको,
मै खुद को क्या समझाउँगा,
दुनिया की नहीं है चिंता मुझको।। ।।
हनुमान जी बोले, हे मेरे राम ! आपकी आज्ञा टालने की, मुझमे हिम्मत नहीं है, अगर आप ऐसा ही चाहते है, तो द्वापरयुग मै ये भी पूरी हो जाएगी, मिट जाएगी ईच्छा द्वापर मै,
गोकुल मै जब तुम आओगे,
मिट जाएगी ईच्छा द्वापर मै,
गोकुल मै जब तुम आओगे,
तुम श्याम बनोगे, ऐ मेरे राम,
तुम श्याम बनोगे, ऐ मेरे राम,
मै मुरली तेरी बन जाउँगा,
तुम श्याम बनोगे, ऐ मेरे राम,
मै मुरली तेरी बन जाउँगा,
तुम श्याम बनोगे, ऐ मेरे राम,
मै मुरली तेरी बन जाउँगा।। ।।
भगवान बोले, मुरली बनने से, मेरी ईच्छा कैसे पूरी होगी हनुमान, हनुमान जी बोले, आप सिर्फ़ पैर दबवाना चाहते हैं, मै आपना पूरा शरीर दबवाउँगा आपसे, वो ऐसे तुम रास रचाना सखियों संग,
बेधड़क सजा होठों पे मुझे,
तुम रास रचाना सखियों संग,
बेधड़क सजा होठों पे मुझे,
तुम हाथों से सहलाना मुझे,
हो मै मीठी तान सुनाउँगा,
तुम हाथों से जब दाबोगे,
कोई मीठी तान सुनाउँगा,
तुम हाथों से सहलाना मुझे।। ।।