राशिफल
मंदिर
अयमात्मा ब्रह्म महावाक्य मंत्र
अयमात्मा ब्रह्म महावाक्य मंत्र
अयमात्मा ब्रह्म भारत के पुरातन हिंदू शास्त्रों व उपनिषदों में वर्णित महावाक्य है, जिसका शाब्दिक अर्थ है यह आत्मा ब्रह्म है।
उस स्वप्रकाशित प्रत्यक्ष शरीर से परे तत्त्व को 'अयं' पद के द्वारा प्रतिपादित किया गया है। शरीर तत्व को जीवित रखने वाली अप्रत्यक्ष शक्ति ही 'आत्मा' है। वह आत्मा ही परब्रह्म के रूप में समस्त प्राणियों में विद्यमान है। सम्पूर्ण चर-अचर जगत में तत्त्व-रूप में वह संव्याप्त है। वही ब्रह्म है, वही आत्मतत्त्व के रूप में स्वयं प्रकाशित 'आत्मतत्त्व' है।यह मंत्र बद्रीनाथ धाम या ज्योतिर्मठ का भी महावाक्य है, जो कि उत्तर दिशा में स्थित भारत के चार धामों में से एक है।
महावाक्य का अर्थ होता है?
अगर इस एक वाक्य को ही अनुसरण करते हुए अपनी जीवन की परम स्थिति का अनुसंधान कर लें, तो आपका यह जीवन सफलता पूर्वक निर्वाह हो जाएगा। इसलिए इसको महावाक्य कहते हैं।
अन्य प्रसिद्ध मंत्र
श्री शनि अष्टोत्तर-शतनाम-नामावली
॥ शनि अष्टोत्तरशतनामावली ॥शनि बीज मन्त्र: ॐ प्राँ प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः ॥ॐ शनैश्चराय नमः ॥ॐ शान्ताय नमः ॥ॐ सर्वाभ...
रूद्र गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहितन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ॥...
श्री विष्णु स्तुति - शान्ताकारं भुजंगशयनं
॥ विष्णु शान्ताकारं मंत्र ॥शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशंविश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम् ।लक्ष्मीकांत कमलनयन...
अच्युतस्याष्टकम् - अच्युतं केशवं रामनारायणं
अच्युतं केशवं रामनारायणंकृष्णदामोदरं वासुदेवं हरिम् ।श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभंजानकीनायकं रामचंद्रं भजे ॥1॥अच्युतं केशवं...
मंत्र: णमोकार महामंत्र
णमोकार मंत्र है न्यारा, इसने लाखों को तारा।इस महा मंत्र का जाप करो, भव जल से मिले किनारा।णमो अरिहंताणं,णमो सिद्धाणं, णमो...
श्री लक्ष्मी नारायण स्तोत्रम्
श्रीनिवास जगन्नाथ श्रीहरे भक्तवत्सल ।लक्ष्मीपते नमस्तुभ्यं त्राहि मां भवसागरात् ॥१॥राधारमण गोविंद भक्तकामप्रपूरक ।नारायण...