**************** ADD ************************
The official logo for the brand - Prem Bhakti
Menu Icon
The official logo for the brand - Prem Bhakti
राशिफल dropdown arrow icon
आज का राशिफलकल का राशिफलबीते कल का राशिफलसाप्ताहिक राशिफलमासिक राशिफल
मंदिर dropdown arrow icon
सभी मंदिरप्रसिद्ध मंदिरदेवता के मंदिरस्थान अनुसार मंदिर
आरतीभजनचालीसामंत्रकथाकहानीआज का पंचांगज्योतिषी से बात

श्री दुर्गा देवी स्तोत्रम् मंत्र

श्री दुर्गा देवी स्तोत्रम् मंत्र

श्रीगणेशाय नमः । श्री दुर्गायै नमः ।

नगरांत प्रवेशले पंडुनंदन । तो देखिले दुर्गास्थान ।
धर्मराज करी स्तवन । जगदंबेचे तेधवा ॥ १ ॥

जय जय दुर्गे भुवनेश्वरी । यशोदा गर्भ संभवकुमारी ।
इंदिरा रमण सहोदरी । नारायणी चंडिकेंऽबिके ॥ २ ॥

जय जय जगदंबे विश्र्व कुटुंबिनी । मूलस्फूर्ति प्रणवरुपिणी ।
ब्रह्मानंदपददायिनी । चिद्विलासिनी अंबिके तू ॥ ३ ॥

जय जय धराधर कुमारी । सौभाग्य गंगे त्रिपुर सुंदरी ।
हेरंब जननी अंतरी । प्रवेशीं तू आमुचे ॥ ४ ॥

भक्तह्रदयारविंद भ्रमरी । तुझे कृपाबळे निर्धारी ।
अतिगूढ निगमार्थ विवरी । काव्यरचना करी अद् भुत ॥ ५ ॥

तुझिये कृपावलोकनेंकरुन । गर्भांधासी येतील नयन ।
पांगुळा करील गमन । दूर पंथे जाऊनी ॥ ६ ॥

जन्मादारभ्य जो मुका । होय वाचस्पतिसमान बोलका ।
तूं स्वानंदसरोवर मराळिका । होसी भाविकां सुप्रसन्न ॥ ७ ॥

ब्रह्मानंदे आदिजननी । तव कृपेची नौका करुनि ।
दुस्तर भवसिंधु उल्लंघूनी । निवृत्ती तटां जाइजे ॥ ८ ॥

जय जय आदिकुमारिके । जय जय मूलपीठनायीके ।
सकल सौभाग्य दायीके । जगदंबिके मूलप्रकृतिके ॥ ९ ॥

जय जय भार्गवप्रिये भवानी । भयनाशके भक्तवरदायिनी ।
सुभद्रकारिके हिमनगनंदिनी । त्रिपुरसुंदरी महामाये ॥ १० ॥

जय जय आनंदकासारमराळिके । पद्मनयने दुरितवनपावके ।
त्रिविधतापभवमोचके । सर्व व्यापके मृडानी ॥ ११ ॥

शिवमानसकनकलतिके । जय चातुर्य चंपककलिके ।
शुंभनिशुंभदैत्यांतके । निजजनपालके अपर्णे ॥ १२ ॥

तव मुखकमल शोभा देखोनी । इंदुबिंब गेले विरोनी ।
ब्रह्मादिदेव बाळें तान्ही । स्वानंदसदनी निजविसी ॥ १३ ॥

जीव शिव दोन्ही बाळकें । अंबे त्वां निर्मिली कौतुकें ।
स्वरुप तुझे जीव नोळखे । म्हणोनि पडला आवर्ती ॥ १४ ॥

शिव तुझे स्मरणीं सावचित्त । म्हणोनि तो नित्यमुक्त ।
स्वानंदपद हातां येत । तुझे कृपेनें जननिये ॥ १५ ॥

मेळवूनि पंचभूतांचा मेळ । त्वां रचिला ब्रह्मांडगोळ ।
इच्छा परततां तत्काळ । क्षणें निर्मूळे करिसी तूं ॥ १६ ॥

अनंत बालादित्यश्रेणी । तव प्रभेमाजी गेल्या लपोनि ।
सकल सौभाग्य शुभकल्याणी । रमारमणवरप्रदे ॥ १७ ॥

जय शंबरि पुहर वल्लभे । त्रैलोक्य नगरारंभस्तंभे ।
आदिमाये आत्मप्रिये । सकलारंभे मूलप्रकृती ॥ १८ ॥

जय करुणामृतसरिते । भक्तपालके गुणभरिते ।
अनंतब्रह्मांड फलांकिते । आदिमाये अन्नपूर्णे ॥ १९ ॥

तूं सच्चिदानंदप्रणवरुपिणी । सकल चराचर व्यापिनी ।
सर्गस्थित्यंत कारिणी । भवमोचिनी ब्रह्मानंदे ॥ २० ॥

ऐकोनि धर्माचे स्तवन । दुर्गा जाहली प्रसन्न ।
म्हणे तुमचे शत्रू संहारीन । राज्यीं स्थापीन धर्माते ॥ २१ ॥

तुम्ही वास करा येथ । प्रगटी नेदीं जनांत ।
शत्रू क्षय पावती समस्त । सुख अद् भुत तुम्हां होय ॥ २२ ॥

त्वां जें स्तोत्र केलें पूर्ण । तें जे त्रिकाल करिती पठन ।


त्यांचे सर्व काम पुरवीन । सदा रक्षीन अंतर्बाह्य ॥ २३ ॥

॥ इति श्रीयुधिष्ठिरविरचितं श्रीदुर्गा स्तोत्रं संपूर्णम् ॥

युद्ध विजय की कमान से युधिष्ठिर ने देवी दुर्गा की स्तुति की। देवी दुर्गा इस स्तुति से देवी प्रसन्न हुईं और युधिष्ठिर को वरदान दिया कि वह युद्ध में विजयी होंगे। देवी ने आगे कहा कि यह जो स्तोत्र आपने लिखा है इसका त्रिकाल पाठ करने वालों की मैं रक्षा तथा सभी मनोकामनाएं पूरी करूँगी।

अन्य प्रसिद्ध मंत्र

नामावलि: श्री गणेश अष्टोत्तर नामावलि

श्री गणेश के 108 नाम और उनसे जुड़े मंत्र।गजानन- ॐ गजाननाय नमः ।गणाध्यक्ष- ॐ गणाध्यक्षाय नमः ।विघ्नराज- ॐ विघ्नराजाय नमः ...

रूद्र गायत्री मंत्र

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहितन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ॥...

संकट मोचन हनुमानाष्टक

श्री हनुमंत लाल की पूजा आराधना में संकट मोचन हनुमान अष्टक का नियमित पाठ करने से भक्तों पर आये गंभीर संकट का भी निवारण हो...

श्री विज्ञ राजं भजे - गणेश मंत्र

पल्लविश्री विज्ञ राजं भजे - भजेहम् भजेहम्भजेहम् भजे - तमिहअनुपल्लविसन्ततमहम् कुन्जरमुहम्शन्करसुतम् - तमिहसन्ततमहम् दन्ति...

श्री गंगा स्तोत्रम्

श्री गंगा जी की स्तुतिगांगं वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतम् ।त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु माम् ॥माँ गंगा स्तोत्रम्॥द...

गणेश अंग पूजा मंत्र

सनातन पूजा पद्धति में अंग पूजा किसी भी देव पूजा अनुष्ठान का अभिन्न अंग है। श्री गणेश पूजा के दौरान, भक्त भगवान गणेश को प...

सभी मंत्र खोजें