राशिफल
मंदिर
स्वस्ति / स्वस्तिक मंत्र मंत्र
स्वस्ति / स्वस्तिक मंत्र मंत्र
स्वस्ति मन्त्र शुभ और शांति के लिए प्रयुक्त होता है। स्वस्ति = सु + अस्ति = कल्याण हो। ऐसा माना जाता है कि इससे हृदय और मन मिल जाते हैं। स्वस्ति मन्त्र का पाठ करने की क्रिया स्वस्तिवाचन कहलाती है।
ॐ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः।स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः।
स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः।
स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
हिन्दी भावार्थ:
महान कीर्ति वाले इन्द्र हमारा कल्याण करो, विश्व के ज्ञानस्वरूप पूषादेव हमारा कल्याण करो। जिसका हथियार अटूट है ऐसे गरुड़ भगवान हमारा मंगल करो। बृहस्पति हमारा मंगल करो।
अन्य प्रसिद्ध मंत्र
अच्युतस्याष्टकम् - अच्युतं केशवं रामनारायणं
अच्युतं केशवं रामनारायणंकृष्णदामोदरं वासुदेवं हरिम् ।श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभंजानकीनायकं रामचंद्रं भजे ॥1॥अच्युतं केशवं...
मंत्र: णमोकार महामंत्र
णमोकार मंत्र है न्यारा, इसने लाखों को तारा।इस महा मंत्र का जाप करो, भव जल से मिले किनारा।णमो अरिहंताणं,णमो सिद्धाणं, णमो...
श्री लक्ष्मी नारायण स्तोत्रम्
श्रीनिवास जगन्नाथ श्रीहरे भक्तवत्सल ।लक्ष्मीपते नमस्तुभ्यं त्राहि मां भवसागरात् ॥१॥राधारमण गोविंद भक्तकामप्रपूरक ।नारायण...
वेंकटाचल निलयं
वेंकटाचल* निलयं वैकुण्ठ पुरवासंपङ्कज नेत्रं परम पवित्रंशङ्क चक्रधर चिन्मय रूपंवेंकटाचल निलयं वैकुण्ठ पुरवासंपङ्कज नेत्रं...
गणेश अंग पूजा मंत्र
सनातन पूजा पद्धति में अंग पूजा किसी भी देव पूजा अनुष्ठान का अभिन्न अंग है। श्री गणेश पूजा के दौरान, भक्त भगवान गणेश को प...
गणपति अथर्वशीर्ष - मंत्र
गणपति अथर्वशीर्ष - ॐ नमस्ते गणपतयेॐ भद्रं कर्णेभिः शृणुयाम देवाः ।भद्रं पश्येमाक्षभिर्यजत्राः ।स्थिरैरङ्गैस्तुष्टुवाग्ँ...