राशिफल
मंदिर
आरती : सूर्य देव
आरती लिरिक्स
त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥
।। ।। ऊँ जय कश्यप__॥सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।।
दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥
।। ।। ऊँ जय कश्यप__॥
सुर मुनि भूसुर वन्दित, विमल विभवशाली।।
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥
।। ।। ऊँ जय कश्यप__॥
सकल सुकर्म प्रसविता, सविता शुभकारी।।
विश्व विलोचन मोचन, भव-बंधन भारी॥
।। ।। ऊँ जय कश्यप__॥
कमल समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।।
सेवत सहज हरत अति, मनसिज संतापा॥
।। ।। ऊँ जय कश्यप__॥
नेत्र व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा हारी।।
वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥
।। ।। ऊँ जय कश्यप__॥
सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै।।
हर अज्ञान मोह सब, तत्वज्ञान दीजै॥
ऊँ जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।।
त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥
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