**************** ADD ************************
The official logo for the brand - Prem Bhakti
Menu Icon
The official logo for the brand - Prem Bhakti
राशिफल dropdown arrow icon
आज का राशिफलकल का राशिफलबीते कल का राशिफलसाप्ताहिक राशिफलमासिक राशिफल
मंदिर dropdown arrow icon
सभी मंदिरप्रसिद्ध मंदिरदेवता के मंदिरस्थान अनुसार मंदिर
आरतीभजनचालीसामंत्रकथाकहानीआज का पंचांगज्योतिषी से बात

विजया पार्वती व्रत कथा

विजया पार्वती व्रत की पौराणिक कथा के अनुसार किसी समय कौडिन्य नगर में वामन नाम का एक योग्य ब्राह्मण रहता था। उसकी पत्नी का नाम सत्या था। उनके घर में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं थी, लेकिन उनके यहां संतान नहीं होने से वे बहुत दुखी रहते थे।

एक दिन नारदजी उनके घर पधारे। उन्होंने नारद मुनि की खूब सेवा की और अपनी समस्या का समाधान पूछा।तब नारदजी ने उन्हें बताया कि तुम्हारे नगर के बाहर जो वन है, उसके दक्षिणी भाग में बिल्व वृक्ष के नीचे भगवान शिव, माता पार्वती के साथ लिंगरूप में विराजित हैं। उनकी पूजा करने से तुम्हारी मनोकामना अवश्य ही पूरी होगी।

तब ब्राह्मण दंपति ने उस शिवलिंग को ढूंढकर उसकी विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। इस प्रकार पूजा करने का क्रम चलता रहा और 5 वर्ष बीत गए।

एक दिन जब वह ब्राह्मण पूजन के लिए फूल तोड़ रहा था तभी उसे सांप ने काट लिया और वह वहीं जंगल में ही गिर गया। ब्राह्मण जब काफी देर तक घर नहीं लौटा तो उसकी पत्नी उसे ढूंढने आई। पति को इस हालत में देख वह रोने लगी और वन देवता व माता पार्वती को स्मरण किया।

ब्राह्मणी की पुकार सुनकर वन देवता और मां पार्वती चली आईं और ब्राह्मण के मुख में अमृत डाल दिया जिससे ब्राह्मण उठ बैठा। तब ब्राह्मण दंपति ने माता पार्वती का पूजन किया। माता पार्वती ने उनकी पूजा से प्रसन्न होकर उन्हें वर मांगने के लिए कहा। तब दोनों ने संतान प्राप्ति की इच्छा व्यक्त की, तब माता पार्वती ने उन्हें विजया पार्वती व्रत करने की बात कही।

आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी के दिन उस ब्राह्मण दंपति ने विधिपूर्वक माता पार्वती का यह व्रत किया जिससे उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई। इस दिन व्रत करने वालों को पुत्ररत्न की प्राप्ति होती है तथा उनका अखंड सौभाग्य भी बना रहता है।

अन्य प्रसिद्ध कथाएँ

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 1

मैं सिमरूँ माता शारदा, बैठे जिह्वा आये ।कार्तिक मास की कथा, लिखे ‘कमल’ हर्षाये ॥नैमिषारण्य तीर्थ में श्रीसूतजी ने अठ्ठास...

खाटू श्याम कथा

श्री खाटू श्याम जी कथामहाभारत काल में लगभग साढ़े पांच हज़ार वर्ष पहले एक महान आत्मा का अवतरण हुआ जिसे हम भीम पौत्र बर्बर...

तेजादशमी कथा

वीर तेजाजी की जन्म कथा :तेजाजी के जन्म के बारे में जन मानस के बीच प्रचलित एक राजस्थानी कविता के आधार पर मनसुख रणवा का मत...

श्री सत्यनारायण कथा - प्रथम अध्याय

एक समय की बात है नैषिरण्य तीर्थ में शौनिकादि, अठ्ठासी हजार ऋषियों ने श्री सूतजी से पूछा हे प्रभु! इस कलियुग में वेद विद्...

करवा चौथ व्रत कथा: द्रौपदी को श्री कृष्ण ने सुनाई कथा!

द्रौपदी को श्री कृष्ण ने सुनाई शिव-पार्वती कथा:एक बार अर्जुन नीलगिरि पर तपस्या करने गए। द्रौपदी ने सोचा कि यहाँ हर समय अ...

करवा चौथ व्रत कथा: साहूकार के सात लड़के, एक लड़की की कहानी

साहूकार के सात लड़के, एक लड़की की कहानी | करवा चौथ की पौराणिक व्रत कथाश्री गणेशाय नमः !एक साहूकार के सात लड़के और एक लड़की थ...

सभी कथाएँ खोजें