श्री आधि वराह पेरुमल मंदिर बिग कांचीपुरम में श्री कामाक्षी अम्मन मंदिर के अंदर स्थित 108 दिव्यदेसम में से एक है। इसे अंबल (मूलवर संनाधी) के गर्भगृह के दाईं ओर रखा गया है। इस स्थलम में मूलवर श्री आधि वराह पेरुमल हैं। भगवान विष्णु पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके खड़े होने की स्थिति में पाए जाते हैं। इस स्टालम के थायर अंजिलाई वल्ली नाचियार हैं। श्री आधि वराह पेरुमल के बगल की दीवार में अगले मादम में पाया जाता है।
इतिहास और महत्व
एक बार, जब कामाक्षी और श्री लक्ष्मी काम कोष्टम में स्नान कर रहे थे, तो एम्पेरुमान ने उन्हें एक स्तंभ के पीछे छिपकर देखा और सुना कि वे क्या बोल रहे थे। पार्वती, जो "कामाक्षी" के रूप में दिखती थी, ने पाया कि श्रीमन नारायणन उन्हें देख रहे हैं और इसलिए उन्होंने पहले उन्हें खड़ा करके और फिर बैठने और अंत में किदंथा मंच पर जाकर सजा दी।
इसी के कारण, वह इस कुंड के तालाब के उत्तर की ओर सभी 3 सेवाओं (यानी) निंद्रा, इरुंधा और किदंथा सेवा में पाया जाता है।
चूंकि, श्रीमन नारायणन ने उन्हें जाने बिना स्नान करते हुए देखा, पार्वती ने उन्हें "कलवन" के रूप में नाम दिया और इस दिव्यदेशम को "थिरुक्कलवनूर" कहा जाता है, जो 108 दिव्यदेसम में से एकमात्र दिव्यदेसम है जहां सर्वशक्तिमान को अधिवराहर के रूप में बहुत छोटे रूप में देखा जाता है।
मंदिर का समय:
श्री आधि वराह पेरुमल मंदिर
06:00 से 12:00 (सप्ताह के सभी दिन (सुबह)) 15:00 से 20:00 (सप्ताह के सभी दिन (शाम))
त्यौहार
श्री आधि वराह पेरुमल मंदिर में वैकुंठ एकादशी दिसंबर-जनवरी में यहां मनाया जाने वाला मुख्य त्योहार है।