श्री पार्थसारथी मंदिर तमिलनाडु के ट्रिप्लिकेन में स्थित है। यह 108 दिव्य देशम मंदिरों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर 5000 वर्षों से सूर्य और चंद्र ग्रहण जैसे शुभ अवसरों पर तिरुपति से यात्रा करने वाले सभी तीर्थयात्रियों के लिए एक विश्राम स्थल था।
श्री पार्थसारथी मंदिर तमिलनाडु के ट्रिप्लिकेन में स्थित है। यह 108 दिव्य देशम मंदिरों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर 5000 वर्षों से सूर्य और चंद्र ग्रहण जैसे शुभ अवसरों पर तिरुपति से यात्रा करने वाले सभी तीर्थयात्रियों के लिए एक विश्राम स्थल था।
मंदिर में मौजूद प्रत्येक देवता एक तारे से जुड़ा होता है और उस विशेष स्टार डे पर उनकी पूजा की जाती है।
श्री पार्थसारथी : रोहिणी और थिरुवोनम
श्री राम : पुनर्वसु (पुनर् पूसम)
श्री गजेंद्र वरधराज : हस्त
श्री योग नरसिम्हा : स्वाति
श्री रंगनाथ : रेवती
श्री वेदवल्ली थायार : उथराम
उपरोक्त आंकड़े भगवान और संबंधित तारे को दर्शाते हैं।
पूजा कार्यक्रम
पूजा दिन में 6 बार आयोजित की जाती है। पैटर्न प्रत्येक पूजा के लिए एक विशेष समय का अनुसरण करता है। यह पैटर्न विशेष अवसरों या त्योहारों पर बदलता है। पूजा का समय इस प्रकार है:- प्रातः
५.५० बजे तिरुमंजना कुडम
प्रातः 5.55 बजे सुब्रभधाम ।
प्रातः 6.00 बजे विश्वरूबम
प्रातः 6.15 बजे तिरुवरधनम
प्रात 800 बजे कालशांति तीर्थम
प्रातः 11.00 बजे उचिक्कल पूजाई।
मध्याह्न पश्चात् 1230 बजे तिरुक्कप्पू (समापन)
मध्याह्न पश्चात् 400 बजे थिरुक्कप्पु उद्घाटन।
सायं 6.00 बजे निथ्या अनुसंथानम।
सायं 7.30 बजे तिरुवरदानम् (रात्रि पूजाई)
सायं 9.00 बजे अर्थजामम (शनिवार और विशेष दिनों को छोड़कर।