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प्रसिद्ध हिन्दू पौराणिक व्रत कथाएँ
प्रमुख हिंदू पौराणिक, व्रत कथाओं का सर्वश्रेष्ठ संग्रह
कथाओं की सूची
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 15
श्री विष्णु भगवान की कृपा, हो सब पर अपरम्पार ।कार्तिक मास का `कमल` करे पन्द्रहवाँ विस्तार ॥राजा पृथु ने नारद जी से पूछा:...
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 16
सुनो लगाकर मन सभी,संकट सब मिट जायें ।कार्तिक माहात्म का `कमल`,पढो़ सोलहवां अध्याय ॥राजा पृथु ने कहा: हे नारद जी! ये तो आ...
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 17
भक्ति से भरे भाव हे हरि मेरे मन उपजाओ ।सत्रहवां अध्याय कार्तिक, कृपा दृष्टि कर जाओ ॥उस समय शिवजी के गण प्रबल थे और उन्हो...
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 18
लिखता हूँ मॉ पुराण की, सीधी सच्ची बात ।अठारहवां अध्याय कार्तिक, मुक्ति का वरदात ॥अब रौद्र रूप महाप्रभु शंकर नन्दी पर चढ़...
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 19
श्री विष्णु मम् हृदय में,प्रेरणा करने वाले नाथ ।लिखूँ माहात्म कार्तिक,राखो सिर पर हाथ ॥राजा पृथु ने पूछा - हे नारद जी! अ...
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 2
भगवान श्रीकृष्ण आगे बोले: हे प्रिये! जब गुणवती को राक्षस द्वारा अपने पति एवं पिता के मारे जाने का समाचार मिला तो वह विला...
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 20
माँ शारदा की प्रेरणा,स्वयं सहाय ।कार्तिक माहात्म का लिखूं,यह बीसवाँ अध्याय ॥अब राजा पृथु ने पूछा - हे देवर्षि नारद! इसके...
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 22
दृढ़धन्वा राजा बोला, 'हे तपोधन! पुरुषोत्तम मास के व्रतों के लिए विस्तार पूर्वक नियमों को कहिये। भोजन क्या करना चाहिये? और...
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 23
दृढ़धन्वा राजा बोला- हे मुनियों में श्रेष्ठ! हे दीनों पर दया करने वाले! श्रीपुरुषोत्तम मास में दीप-दान का फल क्या है? सो ...
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 24
मणिग्रीव बोला, 'हे द्विज! विद्वानों से पूर्ण और सुन्दर चमत्कारपुर में धर्मपत्नी के साथ में रहता था। धनाढय, पवित्र आचरण व...
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 25
दृढ़धन्वा बोला, 'हे ब्रह्मन्! हे मुने! अब आप पुरुषोत्तम मास के व्रत करने वाले मनुष्यों के लिए कृपाकर उद्यापन विधि को अच्...
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 21
लिखने लगा हूँ श्रीहरि के,चरणों में शीश नवाय ।कार्तिक माहात्म का बने,यह इक्कीसवाँ अध्याय ॥अब ब्रह्मा आदि देवता नतमस्तक हो...
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 22
बाईसवें अध्याय की,जब लिखने लगा हूँ बात ।श्री प्रभु प्रेरणा प्राप्त कर,कलम आ गई हाथ ॥राजा पृथु ने नारद जी से पूछा – हे दे...
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 23
तेईसवाँ अध्याय वर्णन आँवला तुलसी जान ।पढ़ने-सुनने से ‘कमल’ हो जाता कल्यान ॥नारद जी बोले - हे राजन! यही कारण है कि कार्ति...
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 24
लिखवाओ से निज दया से,सुन्दर भाव बताकर ।कार्तिक मास चौबीसवाँ,अध्याय सुनो सुधाकर ॥ राजा पृथु बोले- हे मुनिश्रेष्ठ! आपने तु...
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 25
सुना प्रश्न ऋषियों का,और बोले सूतजी ज्ञानी ।पच्चीसवें अध्याय में सुनो,श्री हरि की वाणी ॥(धर्मदत्त जी का कथन, चौबीसवीं कथ...
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 26
कार्तिक मास माहात्म्य,का छब्बीसवाँ अध्याय ।श्री विष्णु की कृपा से,आज तुमको रहा बताय ॥नारद जी बोले- इस प्रकार विष्णु पार्...
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 27
कृष्ण नाम का आसरा,कृष्ण नाम का ध्यान ।सत्ताईसवाँ अध्याय अब,लिखने लगा महान ॥पार्षदों ने कहा- एक दिन की बात है, विष्णुदास ...
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 28
पढ़े सुने जो प्रेम से,वह हो जाये शुद्ध स्वरुप ।यह अठ्ठाईसवाँ अध्याय,कार्तिक कथा अनूप ॥धर्मदत्त ने पूछा- मैंने सुना है कि...
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 29
प्रभु कृपा से लिख रहा,सुन्दर शब्द सजाय ।कार्तिक मास माहात्म का,उन्तीसवाँ अध्याय ॥राजा पृथु ने कहा - हे मुनिश्रेष्ठ! आपने...